The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
Allow’s get an in-depth insight into Probably the most potent mantras with the Tantrik process from the Hindu faith. Every single and every line inside the Siddha Kunjika Stotram holds a sacred meaning.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
One thing that should be noted is the fact that such a way needs tough Sadhna and Sacrifice from an individual. At the same time, the negative outcome with the slightest slip-up is get more info The explanation that Tantrik procedures of reaching God are often reported being averted.